देश ने 26 जनवरी 2024 को अपना 75वां गणतंत्र दिवस Republic Day 2024 धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया है, जिसमें न केवल संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों की महत्वपूर्णता है, बल्कि इस खास मौके के पीछे एक और रोचक कारण भी है। यह तिथि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के एक महत्वपूर्ण और स्मार्ट निर्णय से जुड़ी है। 26 जनवरी 1930 को लाहौर सत्र के दौरान, INC ने पूर्ण स्वराज के दिन के रूप में इस तिथि को नामित किया था, जो एक भारतीय उपमहाद्वीप में एकता और स्वतंत्रता के प्रति उनके समर्पण की प्रतीक है।
इस निर्णय के बाद, भारत ने 26 जनवरी को ही अपने संविधान का निर्माण किया , जिससे यह दिन गणतंत्र दिवस Republic Day 2024 के रूप में आता है और राष्ट्र को एक मजबूत गणराज्य के रूप में स्थापित करने का एक नया आयाम मिला है। इसलिए, इस साल का गणतंत्र दिवस एक और अद्वितीय अवसर है, जिसमें देश अपनी समृद्धि और स्वतंत्रता की ऊंचाइयों का जश्न मनाएगा।
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Republic Day 2024 Celebration 26 January
नई दिल्ली: 26 जनवरी, एक ऐसी अद्वितीय तारीख जब हमारा देश, भारत, ने अपनी रूपरेखा में एक नए युग का आरंभ किया था। इस दिन का महत्व उस समय की मेहनत, बलिदान और समर्पण का प्रतीक है, जब हमारे पूर्वजों ने स्वतंत्रता के स्वप्न को हकीकत में बदलने के लिए एकजुट होकर संघर्ष किया। गणतंत्र दिवस का चयन 26 जनवरी को हुआ, न केवल इसलिए कि यह दिन हमारे संविधान के प्रणव में अवस्थित है, बल्कि इसमें एक नए भारत की नींव रखने वाले नागरिकों की सामृद्धि और समृद्धि की प्रतीक्षा है।
इस महत्वपूर्ण दिन पर, हम सभी एक साथ आत्मनिर्भर भारत की ऊंचाईयों की दिशा में कदम बढ़ाते हैं, अपने संविधान के मूल तत्वों के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं और अपने राष्ट्र को मजबूती और साहस से भरा बनाए रखने का संकल्प लेते हैं।
संविधान बनने की शुरुआत
भारत ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का चयन किया है, न केवल अपने संविधान के प्रमुखता स्वरूप, बल्कि इसकी मौद्रिक शुरुआत और समर्पण के सम्बंध में भी। 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, हमारा देश संविधान के बिना था, जिससे हमारा राष्ट्रीय गणराज्य पूर्ण रूप से स्थापित नहीं था। इसलिए, संविधान निर्माण की दिशा में, 29 अगस्त 1947 को एक समिति गठित की गई थी, जिसके अध्यक्ष डॉ. बी.आर. अंबेडकर थे, और इसमें के.एम. मुंशी, एन. माधव राव ,गोपाला स्वामी अयंगार, मुहम्मद सादुल्लाह, , और टी.टी. कृष्णमाचारी, अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर जैसे अनेक विचारक शामिल थे।
26 जनवरी को बना अपना संविधान
फिर आया 4 नवंबर 1947, एक अद्वितीय मोड़ जब भारत ने अपने भविष्य के सार्थक संविधान की रचना के लिए कदम बढ़ाया। इस नए दस्तावेज ने उस समय की बातें समर्पित की, जब देश ने स्वतंत्रता के नए संघर्ष के रास्ते को तय करने का संकल्प लिया था। 15 अगस्त 1947 को आजाद होने के बाद, संविधान निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मंच बनाया गया, जिसमें देश के महान विचारकों ने अपनी बुद्धिमत्ता का समर्पण किया। यहां संविधान सभा ने गहरी चर्चा की, मसौदे में कई सुधार किए और आखिरकार 24 जनवरी 1950 को इसे पूरी तरह से स्वीकृत किया।
308 सदस्यों ने इस ऐतिहासिक क्षण में संविधान की प्रतियों पर हस्ताक्षर किए, जिससे भारत ने अपना स्वतंत्र और समर्पित गणराज्य स्थापित किया। इस सफल प्रक्रिया के बाद, अगले दो दिनों में ही 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ और इसके साथ ही देश ने अद्वितीयता और आत्मनिर्भरता की ऊँचाइयों को छूने का एक नया युग शुरू किया। इसलिए हर साल, 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं Republic Day 2024 , जो हमारे संविधान के महत्वपूर्ण पहलूओं की याद करते हैं और एक नए भविष्य की ओर प्रगट होते हैं।
26 जनवरी चुनने के पीछे यह थी वजह
संविधान सभा ने Republic Day 2024 , 26 जनवरी को अपना संकल्प स्थापित करते हुए, एक ऐसा महत्वपूर्ण दिन चुना जिसने भारत को एक नए सृष्टि के प्रति प्रतिबद्ध कर दिया। इस दिन का महत्व पूर्वी साल 1930 में हुए लाहौर सत्र के समय इंक के रूप में भी अपनाया गया था, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आजादी की मांग को प्रतीत करते हुए इसे पूर्ण स्वराज के दिन के रूप में चुना था।
इस समय के बाद, 26 जनवरी 1950 को ही भारत ने अपना संविधान बनाकर स्थापित किया, जिससे देश ने एक संपूर्ण स्वतंत्र गणराज्य का मुखौटा पहना। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता के प्रति आत्मनिवेदन और समर्पण का प्रतीक है, जो हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया ने भारत को समृद्धि, समर्थन और एक मजबूत नागरिक समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्षण में बदल दिया है।
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